Contract Employees Regularization Update: संविदा कर्मचारी जो अपने हक और अधिकार के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे अब इन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल गई है देश की राजधानी दिल्ली के नगर निगम में काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा इसे लेकर नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव को पारित किया जा चुका है लंबे समय बाद नियमितीकरण की मांग पर हुई जीत को लेकर संविदा कर्मचारियों में खुशी की लहर है। 2010 से 2015 के बीच अनुकंपा पर तैनात कर्मचारियों को लाभान्वित किया जाएगा और इसके अलावा उत्तराखंड में 2018 तक 10 साल सेवा पूर्ण करने वालों को भी नियमित किया जाना है।
निगम के महापौर ने क्या कहा?
1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 के मध्य अनुकंपा के आधार पर नियुक्त सफाई कर्मचारी अपने नियमितीकरण के अलावा अन्य मांगों को लेकर मांग कर रहे थे यह मांग कई महीनो से चल रही थी जिसमें कर्मचारियों ने अपनी आवाज को बुलंद कर रखा था उन दिनों इन कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी किया था और नगर निगम ने उनकी मांगों पर ध्यान देते हुए इन्हें नियमित करने का ऐलान किया है इस प्रक्रिया की बैठक में प्रस्ताव को भी पारित किया गया निगम के महापौर सरदार राजा इकबाल ने कहा है कि एमसीडी अपने सफाई कर्मचारियों के हित की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है और भविष्य में भी इनको नियमित करने के लिए कदम उठाता रहेगा इस बैठक में प्रतिदिन 5,100 मेट्रिक टन की कुल क्षमता वाले चार ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना को भी मंजूरी मिल गई है इसके अलावा 361.42 करोड रुपए की अनुमान राशि का भी खर्च किया जाएगा।
उत्तराखंड में नियमित करने का प्रस्ताव को मिली मंजूरी
उत्तराखंड में भी पिछले हफ्ते बुधवार को धामी सरकार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक को बुलाया गया जिसमें कई अहम प्रस्ताव पर मुहर लगाई जा चुकी है इन संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है कैबिनेट की बैठक में सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण के विषय में कट ऑफ वर्ष 2018 को तय कर दिया है और 2018 तक के 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा इसके अलावा उपनल कर्मचारियों को नियमित करने और न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ते के लिए मंत्रिमंडल की उप समिति का भी गठन किया जाएगा जिसके माध्यम से 2 महीने में सरकार को रिपोर्ट दी जाएगी
विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की जगी उम्मीद
संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की इस प्रक्रिया को देखते हुए अन्य विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों की भी उम्मीद जगी है विभिन्न यूनियनों और कर्मचारी संगठनों ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम और उत्तराखंड सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से देश में संविदा कर्मचारियों के लिए सकारात्मक संदेश मिला है कर्मचारियों का कहना है कि बरसों की मेहनत और संघर्ष के बाद हासिल हुई जीत से अब न केवल राज्यों में सरकार संविदा की स्थिति गंभीरता से सुधरे की बल्कि भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में भी कदम उठाने वाली है इसके अलावा विशेषज्ञों ने भी साफ कर दिया है कि नियमित करने से न केवल कर्मचारियों में स्थिरता आएगी बल्कि इससे सरकारी कार्यों के गुणवत्ता जवाब दे और सेवा प्रदान की क्षमता को और भी मजबूत बनाया जा सकेगा

